Raksha Bandhan : Kahaani Ghar Ghar Ki !! :)

उठो बेटे .. आज 4-5 जगह  जाना है..
auto ..bus.. पैदल ..या किसी को गाड़ी खूब चलाना है..
पहले घर पे राखी बंधवाना है.. नाश्ता निपटाना है ..
फिर mummy को मामा से .. और papa को बुआ से मिलवाना है ..
और इसी बीच कुछ cousins से मिलना है ..और कुछ से मिलना निपटाना है ..
 
 50 – 100 – 500 – 1000 जिस भाई की जितनी क्षमता ..पर करारे नोटों का इंतज़ाम करवाना है ..
शगन के कुछ लिफ़ाफ़े ..और हो सके तो एक “touchy” सा gift भी ले आना है ..
या mummy ने पहले ही ले कर रखा है .. बहन को सिर्फ पकड़ना है ..
इसके लिए ये..और उनके लिए वो वाली मिठाई का डब्बा लगवाना है ..
अचानक आज Political party का बूथ दिख रही.. मिठाई की दुकानों पे अपना नंबर लगाना  है..
बड़े बड़े इन पंखों की कर्णभेदी आवाज़ को चीर कर .. अपना आर्डर बताना है ..
3 डब्बे मिक्स मिठाई  .. 4 गुलाब जामुन ..और 1 किलो नमक पारे ..”कर दो” !..
..ऐसा दूकान वाले भैय्या को बतलाना है..
..और शायद आपने ये decision anticipate नहीं किया हो ..
पर कितने डब्बे wrap करने हैं.. और किस चमकीले कागज़ में..
ये भैय्या को ..वहीं decide कर के बताना है ..
और शायद आपको maids और guards रूपी ..कुछ कम lucky .. भाई-बहनों के लिए ..बूंदी लड्डू “डालडे वाले” भी करवाना है ..  
 
तरह तरह के लहराते कुरते ..और unlikely लोगों पे सजी कुछ अन्य Indian Dresses का दर्शन भी पाना है..
I mean उन  कुरतों में बंद colleagues को देखने .. हो सकता है office भी तो जाना है ..
तो अब office के लिए भी मिठाई का डब्बा सजवाना है ..
 
ऐसा ही कुछ कई बहनों के लिए भी नज़ारा है ..
भाई है दूर ..तो auto ..bus..गाड़ी  – “अपना हाथ जगन्नाथ” का सहारा है ..
कुछ दिन पहले courier से भेजी राखी का status पता कराना है..
दूर वाले भाइयों को कम से कम phone तो लगाना है.. या थोड़े और दूर वालों को may be SMS !!
थाली चन्दन रोली चावल मिठाई ..और हर भाई के लिए एक apt राखी भी सजाना है..
dress कौनसी पहनें ..ये decision  भी निपटाना है..
राखी समारोह के बाद .. किसी किसी “छोटी वाली” को tuition ..और “बड़ी वाली” को office भी तो जाना है..
 
और ऊपर से ये झमा झम बारिश .. और obvious वाला traffic-jam ..
भगवान् ने भी क्या आज ही “खतरों के खिलाड़ी” खिलवाना है !!
 
पर इस सब के बीच ..मन में एक छोटा सा कोना बचाना है ..
एक पल के लिए ही सही चाहे .. एक अहसाह जगाना है .. और जताना भी ..
“अपने ही अंदाज़ और क्षमता में सही .. पर  मैं हूँ तुम्हारे लिए ..genuinely ” !!
.. आगे की किसी के पास guarantee नहीं ..पर अभी “हूँ”  तुम्हारे ..तुम्हारे और तुम्हारे भी लिए ..
सोचता/सोचती हूँ तुम्हारे लिए .. ख़ुशी और दर्द भी महसूस होता है तुम्हारा ..
और तुम्हारे भले की एक intent रखता/रखती हूँ ..genuine वाला  🙂
भाई बहन दोस्त wellwisher या batchmate और colleague ..
“अपने ही अंदाज़ और क्षमता में सही ..” उन्हें एक पल के लिए सही ..ये एक special अहसास कराना  है ..
 
और अब ऐसा है ..मुझे भी उपर्युक्त सब निपटाना है ..
और इसलिए poem को यहीं विराम दे कर ..उसे practically “जीने” जाना है 🙂
 
Happy Raksha Bandhan to one and all 🙂 God bless you !!
 

Leave a Reply

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s